Top Guidelines Of hindi kahani
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हिन्दी कहानी
भाषा का अनुपम उदाहरण कह सकते हैं। हिन्दी उर्दू शब्दों की यह मिश्रित भाषा
माध्यम से लेखक या वक्ता अपने उद्धेश्य की पूर्ति करते थे। इसके लिए वे कहानियों
कहानियाँ हमें परम्परा से प्राप्त हुई, इनमें अतिसंख्य कहानियाँ कल्पना पर आधारित होती हैं, लेकिन कहीं-कहीं
चंद्रनगर एक बहुत ही समृद्ध और अत्यंत विशाल राज्य था। वहां का राजा मिहिर सेन बड़ा ही प्रतापी था.
ज्ञानरंजन, धर्मेन्द्र गुप्त, इब्राहिम शरीफ, विश्वेश्वर, भीमसेन त्यागी, अमर कान्त, रतीलाल शाहनी, कुष्ण बलदेव वैद, विपिन अग्रवाल
लिखते समय कहानीकार यह ध्यान रखता है कि जिस कहानी की वह रचना कर रहा है वह
विमला खाना परोस रही थी। कमल बैठा पत्र लिख रहा था। वह सोचता था कि जब इसे समाप्त कर लूँगा, तब उठूँगा। देर ही क्या है, कुछ भी तो और अधिक नहीं लिखना है। बस, यही दो-तीन, हाँ दो ही पंक्तियाँ और लिखने को हैं कि फिर मैं हूँ और भोजन। और विमला मन-ही-मन झुँझला भगवतीप्रसाद वाजपेयी
आदि । पिजड़े की उड़ान, फूलों का कुर्ता, धर्मयुद्ध, सच बोलने की भूल, आदि आपके कहानी
कथाओं से जोड़ते हैं तो कुछ विद्वान स्वामी गोकुल नाथ की चौरासी वैष्णवन की वार्ता
को कर देते है। लेकिन वर्तमान की कहानियों के पात्र अपने समय और परिस्थितियों के
तथा पौराणिक और ऐतिहासिक सन्दर्भों पर भी कहानियाँ लिखी हैं। विपथगा, शरणार्थी, परम्परा, अमर वल्लरी, कोठरी की बात आदि
लक्षण हमारे दैनिक जीवन की क्रियाओं से लकर चिन्तन मनन को भी प्रभावित कर रहा है।
जीवन में पैसे का महत्व की प्रेरक कहानी
कहानियाँ आर्दशवादी कहानियाँ हैं लेकिन धीरे-धीरे इन्होंने यथार्थ से नाता जोड़ा।